सीतापुर,अवसाद और तनाव को दूर करने को अपनाएं योग व प्राणायाम
- प्रतिदिन 30 से 40 मिनट योग-प्राणायाम और ध्यान से होंगे चमत्कारिक फायदे
- विश्व योग दिवस (21 जून) पर विशेष
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सीतापुर, 20 जून। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और अव्यवस्थित खानपान का शरीर और दिमाग पर असर पड़ना स्वाभाविक है। ऐसे में अवसाद से बचने और दिमाग को शांत रखने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। कुछ लोग तनाव और अवसाद से छुटकारा पाने के लिए दवाओं का सहारा लेने लगते हैं लेकिन इसके अत्यधिक सेवन से शरीर पर गलत असर पड़ता है जो लंबे समय के बाद जाकर पता चलता है। ऐसे में नियमित योगाभ्यास से अवसाद और तनाव की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
भारत स्वाभिमान एवं पतंजलि योग समिति की राज्य कार्यकारिणी सदस्य नीरज वर्मा बताते हैं, आधुनिक जीवन में मानसिक तनाव से मुक्त रहना संभव नहीं। तनाव से मुक्त रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपाय अपने आप में परिवर्तन लाना है। वर्तमान में जीवन जिन कठिनाइयों से गुजर रहा है उसमें तनाव जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। हर व्यक्ति तनाव से ग्रसित है। इसे दूर करने के लिए प्राय: लोग मनोचिकित्सक के पास जाने से घबराते हैं। मानसिक शांति व संतुलन के लिए योग-प्राणायाम बेहतर है। इससे मानसिक संतुलन की क्षमता विकसित होती है। इससे हम गंभीर रोगों से दूर रह सकते हैं। वह बताते हैं कि प्रतिदिन 30 से 40 मिनट योग-प्राणायाम और ध्यान करने से मानसिक तनाव दूर होता है।
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ऐसे करें योग-प्राणायाम ---
योग प्राणायाम करने की प्रक्रिया बहुत आसान है। जमीन पर आसन बिछाकर पद्मासन, वज्रासन व सिद्धासन मुद्रा में बैठें। रीढ़-गर्दन सीधी रखें। दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें। गहरी लंबी सांस भरकर ‘ओम’ का उच्चारण करें। 10-20 मिनट तक की इस ध्वनि के कंपन से मस्तिष्क शांत होता है और सतर्कता बढ़ती है। रक्त-संचार सुचारु होने से मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त मिलता है। हृदय व फेफड़े सहित शरीर के सभी अंगों को ऊर्जा की अनुभूति होती है।
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मानसिक तनाव के लक्षण ---
मानसिक तनाव की प्रारंभिक स्थिति से चिड़चिड़ापन, थकान, काम के प्रति विरक्ति, परिवार व मित्रों से दूरी, भोजन की इच्छा नहीं होना आदि होते हैं। यही गंभीर शारीरिक रोगों में परिवर्तित होकर हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा, सिर दर्द, बदहजमी व यौन शैथिल्य में बदल जाते हैं।