हरदोई,स्वयं को ध्यान और भजन से धवल एवं शुद्ध करना ही शिवत्व है: अम्बरीष
हरदोई।शिव सत्संग मण्डल के तत्वावधान में विकास खण्ड टोडरपुर के ग्राम कामेपुर में आयोजित शिवोतासव में मंडल के केन्द्रीय संयोजक अम्बरीष कुमार सक्सेना ने कहा कि शिव साधना हैं, ध्यान हैं और योग भी हैं। साथ ही, इससे परे भी हैं। शिव को समझने का अर्थ है खुद का रूपांतरण। योगी शिव भौतिक से आत्मिक यात्रा का संदेश देते हैं। शरीर, मन और बुद्धि से आत्मा की यात्रा हैं शिव। खुद को धवल और शुद्ध करना ही शिवत्व है।
मंडल संयोजक ने कहा कि विश्व को ध्यान की जरूरत है चाहे वह किसी भी देश या धर्म का व्यक्ति हो। ध्यान से ही व्यक्ति की मानसिक संवरचना में बदलाव हो सकता है।शिवोत्सव में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए अम्बरीष गुरूजी ने कहा कि ध्यान के अभ्यास से जागरूकता बढ़ती है। ध्यान अनावश्यक विचारों को मन से निकालकर शुद्ध और आवश्यक विचारों को मस्तिष्क में जगह देता है। ध्यान लगाने से आत्मिक शक्ति का विकास होता है।ध्यान तन, मन और आत्मा के बीच लयात्मक सम्बन्ध बनाता है और उसे बल प्रदान करता है। ध्यान का नियमित अभ्यास करने से आत्मिक शक्ति बढ़ती और मानसिक शांति की अनुभूति होती है। ध्यान का अभ्यास करते समय शुरू में आधे से एक घंटा तक ध्यान लगा सकते हैं।
श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिवोपासना एवं शिव के ध्यान और भजन से ही मूल्यनिष्ठ समाज की स्थापना हो सकती है तथा परिवारों में सुख शांति स्थापित हो सकती है।उन्होंने कहा कि इस दौर में आत्मचिंतन से ही श्रेष्ठ मूल्यों को जीवन में उतारने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
लखीमपुर के जिलाध्यक्ष जमुना प्रसाद ने कहा कि शिव सत्संग मण्डल द्वारा दिये जा रहे आध्यात्मिक ज्ञान से समाज में बदलाव आ रहा है।यहाँ के आध्यात्मिक ज्ञान और ध्यान की विधि ही परमात्मा को प्राप्त करने का सहज मार्ग है।
जिला महामंत्री रवि लाल ने कहा कि आज समाज में विभिन्न मतमतान्तरों के कारण भ्रमपूर्ण स्थिति बनी हुई है।ऐसे में शिव सत्संग मंडल द्वारा बताई जा रही राह ही, सत्य की राह है। अध्यात्मवेत्ता मंडलाध्यक्ष आचार्य अशोक ने बताया कि वह परमेश्वर कोटि सूर्यम् प्रभा वाला ,अशरीरी,अजन्मा,अखंड,सर्वज्ञ,सर्वव्यापी,सर्वशक्तिमान और निराकार तथा दिव्य प्रकाश वाला, जन्म मृत्यु से परे है।जिसे सत्संग से ही समझा जा सकता है। कहा कि विश्व के सभी लोगों को सत्पथ अपनाने का प्रयास करना चाहिए।प्रभु को ह्रदय से प्यार करने वाला ही सभी बंधनों से मुक्त हो सकता है।
व्यवस्था प्रमुख यमुना प्रसाद ने कहा कि परमात्मा के ज्ञान के लिए त्रिनेत्र की जरूरत होती है।जो कि भृकुटि के मध्य विद्यमान है।आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाना ही ,परमात्म प्राप्ति का एकमात्र साधन है।और आज के जीवन में व्यवहारिक है। परमात्मा प्रकाशस्वरूप है।परमात्म ज्ञान से सकारात्मक क्षमता विकसित होती है।
शाहजहांपुर के रवि वर्मा कहा कि परमात्मा से सम्बन्ध जोड़ते ही जीवन में अप्रत्याशित परिवर्तन आता है।सद्गुण बढ़ने लगते हैं।दुर्गुण छूटने लगते हैं।
समापन पर शिव सत्संग मण्डल अध्यक्ष आचार्य अशोक ने कहा कि देवों के देव महादेव सभी के परमपिता हैं।महादेव की शक्ति भारतीय ग्रंथों में वर्णित है।प्रभु से यही विनती है कि जनकल्याण करने का आशीर्वाद देते रहें।कहा कि सत्संग से विभिन्न स्थानों पर जाने का अवसर प्रभु कृपा से ही मिलता है।उन्होंने बताया कि वेदों का ज्ञान बड़ा रहस्यमयी है।वेद ज्ञान,विज्ञान,चिकित्सा,व मानवीय मूल्यों से ओतप्रोत है।उन्होंने कहा कि शिव आराधना से लौकिक,पारलौकिक सुख ऐश्वर्य व आनंद प्राप्त होता है।
शिव स्तुति करने सेे मन
में प्रसन्नता की लहर दौड़ जाती है। आध्यात्मिक शक्तियों से स्व परिवर्तन
के साथ साथ वैश्विक परिवर्तन संभव हो जाता है। परमात्मा का प्रकाशस्वरूप
से ध्यान करने मात्र से जीवन में अलौकिक बदलाव आता है।आचार्य जी ने कहा कि धर्म पर जो चला वह उन्नति की ओर बढ़ा।ध्यान और भजन से मनुष्य एक बेहतर इंसान बनता है। अटूट श्रद्धा और विश्वास से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।
प्रेम भाई ने बताया कि मानव शरीर बहुत ही सौभाग्य से मिलता है।इसलिए प्रभु का भजन करें और ईश्वरीय स्म्रति में रहते हुए अपने कर्तव्य का पालन करें।इसके अलावा अधिवक्ता रामौतार ने सत्संग की महिमा,शाहजहांपुर जिलाध्यक्ष डॉक्टर कालिका प्रसाद ने भजन से खुशहाल जीवन, नन्हे लाल ने भजन से लाभ बताए।
शिवोत्सव का शुभारंभ राजपाल ने दीप प्रज्वलित कर एवं सत्संगी श्रीकृष्ण ने सामूहिक ईश प्रार्थना से किया।सत्संगी भैया लाल, श्रीकृष्ण एवं बहिन अनुराधा ने प्रेरणादाई भजन सुनाए।
इस अवसर पर प्रेम पाल,राम सनेही,राम लड़ते,रामौतार,हंसराम, ओमकार,राजेंद्र,राज कुमार,प्रदीप,देव सिंह आशाराम,धर्मपाल, हरिश्चंद्र,पूजा,आरती,सुहाती,प्रियंका,उपासना,प्रभा,समेत अनेक सत्संगी बंधुओं एवं बहिनों ने समापन पर आगामी 02 जुलाई 2022 को ग्राम हुसेनापुर धौकल स्थित शिव सत्संग मंडल आश्रम पर भव्य शिवोत्सव एवं शिव सत्संग मण्डल के संस्थापक ब्रह्मलीन संत श्री कृष्ण कन्हैया बाबूजी एवं शिव सत्संग मण्डल आश्रम के संस्थापक संत श्रीपाल जी महाराज की जयंती आयोजित करने का शिव संकल्प लिया।