कानपुर,तंबाकू सेवन की आदत छोड़ें, पर्यावरण बचाएं तम्बाकू निषेध दिवस पर आयोजित हुई गोष्ठी
रोग प्रतिरोधक क्षमता को करना है मजबूत तो छोड़ें नशे की लत
बीड़ी, सिगरेट व तंबाकू के सेवन के कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा
कानपुर नगर 31 मई 2022
तम्बाकू, बीड़ी और सिगरेट के सेवन से कैंसर सहित तमाम बीमारियाँ शरीर को जकड़ लेती हैं। इनके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बेहद कमजोर पड़ जाती है | तम्बाकू से उत्पन्न इसी समस्या को देखते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 31 मई को तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है | इस वर्ष दिवस की थीम ‘पर्यावरण बचाएं’ निर्धारित की गयी है | इसी थीम पर मंगलवार को जेके कैंसर संस्थान एवं जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में गोष्ठी आयोजित हुई। जेके कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ एसएन प्रसाद ने सभी को तंबाकू उत्पादों को छोड़ने की शपथ दिलाई l
गोष्ठी में वक्ता के रूप में मौजूद डॉ द्रोपती यादव ने बताया कि तंबाकू एवं इससे बने पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा नुकसानदायक है। धूम्रपान करने वाले अपने साथ ही आस-पास रहने वालों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, क्योंकि धूम्रपान करने वाले के फेफड़े तक केवल 30 फीसद धुआं पहुँचता है बाकी 70 फीसद धुआं निकटतम लोगों को प्रभावित करता है | उन्होने कहा कि तंबाकू सेवन की आदत को छोड़ें और पर्यावरण को बचाने में अमूल्य सहयोग करें।
आज ही लें संकल्प - जेके कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ एसएन प्रसाद ने कहा कि आज से ही प्रतिज्ञा करें एवं शपथ लें कि हम धूम्रपान एवं तम्बाकू उत्पाद का सेवन नहीं करेंगे। हम अपने बच्चों एवं समाज को तम्बाकू से दूर रखेंगे एवं समाज को होने वाले क्षति से बचायेंगे। हम तम्बाकू कम्पनियों से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं लेगे ना ही उन्हें सहयोग करेंगें।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता को करता है कमजोर -
डॉ अवधेश दीक्षित ने बताया कि तम्बाकू और बीड़ी-सिगरेट का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक है| तम्बाकू के नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है साथ ही यह फेफड़ों को भी नुकसान देता है| बीड़ी-सिगरेट पीने या अन्य किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन करने वालों को करीब 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की पूरी सम्भावना रहती है। इसमें मुंह व गले का कैंसर प्रमुख हैं। यही नहीं धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों तक तो करीब 30 फीसद ही धुँआ पहुँचता है बाकी बाहर निकलने वाला करीब 70 फीसद धुँआ उन लोगों को प्रभावित करता है जो कि धूम्रपान करने वालों के आस-पास रहते हैं । यह धुँआ (सेकंड स्मोकिंग) सेहत के लिए और भी खतरनाक होता है ।
सेकंड हैण्ड स्मोकिंग ज्यादा खतरनाक -
डॉ अवधेश दीक्षित ने बताया कि अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं लेकिन आपके आस-पास कोई धूम्रपान करता है तो यह धुआं सिगरेट न पीने वाले के फेफड़ों में पहुँच जाता है| सेकंड हैण्ड स्मोकिंग का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों और गर्भवतियों पर होता है| विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु की वजह सेकंड हैण्ड स्मोकिंग है| बीड़ी-सिगरेट व तम्बाकू छोड़ने के फायदे भी बहुत हैं । धूम्रपान बंद करने के 12 मिनट के भीतर उच्च हृदय गति और रक्तचाप में कमी आ सकती है । 12 घंटे बाद रक्त में मौजूद कार्बन मोनो आक्साइड सामान्य पर पहुँच जाएगा । दो से 12 हफ्ते में खून का प्रवाह और फेफड़ों की क्षमता बढ़ जायेगी । इस तरह जहाँ शरीर निरोगी रहता है वहीँ घर-परिवार की जमा पूँजी इलाज पर न खर्च होकर घर-परिवार को बेहतर माहौल प्रदान करने के काम आती है । कोरोना ने एक तरह से इस आपदा को कुछ मामलों में अवसर में भी बदलने का काम किया है ।
क्या है कोटपा अधिनियम - तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 का पालन करें या जुर्माने अथवा दण्ड (जिसमें अर्थदण्ड अथवा कारावास) का सामना करें।
- धारा-4 के अर्न्तगत सार्वजनिक स्थान (जैसे सभागृह, अस्पताल, भवन, रेलवेस्टेशन प्रतीक्षालय, मनोरंजन केन्द्र, रेस्टोरेन्ट, शासकीय कार्यालयों, न्यायालय परिसर, शिक्षण संस्थानो, पुस्तकालय, लोक परिवहन) एवं अन्य कार्यस्थलों में धूम्रपान करना अपराध है।
- धारा-5 के अर्न्तगत तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबन्ध है।
- धारा-6 (अ) के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को / के द्वारा तम्बाकू बेचना प्रतिबन्धित है।
- धारा-6 (ब) के अर्न्तगत शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज परिधि में तम्बाकू बेचना प्रतिबंधित है।
- धारा-7 के अर्न्तगत तम्बाकू तम्बाकू उत्पादों पर चित्रमय स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित होनी चाहिए।
- धारा 21 व 24 के अर्न्तगत धारा 4, 6 का पालन न करने पर 200 रू. तक जुर्माना हो सकता है।