हरदोई,भगवान शिव कल्याणकारी,शुभकारी और दुख हरता हैं:रविलाल
हरदोई।शिव सत्संग मण्डल के सिकंदरपुर कल्लू गांव में आयोजित आध्यात्मिक सत्संग में धर्म अध्यात्म प्रचारक रविलाल ने कहा कि
भगवान शिव कल्याणकारी, शुभकारी और हमारे पापों का नाश करने वाले हैं। उनका स्मरण हमारे सभी दुख हर सकता है।
उन्होंने बताया कि शिव वह चेतना है, जहां से सब कुछ आरंभ होता है, जहां सबका पोषण होता है और जिसमें सब कुछ विलीन हो जाता है। अर्थात शिव ही वह शक्ति है जो सृजन के साथ संघार कर सकती है। सृष्टि में जहां भी जीवन है, वह शिव के बाहर नहीं हैं। यह पूरी सृष्टि ही शिव में विद्यमान है। आपका मन, शरीर सब कुछ केवल शिव तत्व से ही बना हुआ है, इसीलिए शिव को ‘विश्वरूप’ कहते हैं जिसका अर्थ है कि सारी सृष्टि उन्हीं का स्वरूप है। शिवलिंग अनंत शिव की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है।
उनका कहना था कि वैसे तो हम बड़े धैर्यवान दिखते हैं, लेकिन छोटी से विपत्ति आते ही हम धीरज और धर्म दोनों को तज देते हैं। समय आने पर हर बात सिद्ध होती है। जैसे माली अपने पौधों को धीरज धर कर सींचता है तो ही समय आने पर वो फल देते हैं। ठोकर खाकर गिरने वाले को तो कोई ना कोई सम्भाल लेगा। लेकिन जो कर्मो से गिर जाता है उसे कोई नहीं सम्भाल सकता। उन्होंने कहा कि मनुष्य की कितनी उत्तम रचना परमात्मा ने की। लेकिन इस अनमोल दौलत को हमने कौडिय़ों के भाव लगा कर व्यर्थ कर लिया।
कहा कि अपने मन और इंद्री पर सत्संग की लगाम लगा कर देखो कि कितना सुखद परिणाम मिलता है। उन्होंने कहा कि धीरज की भांति ही धर्म है। जो धर्म पर टिकता है उस का कल्याण निश्चित है। हर इंसान जीवन के हर धर्म को निभाए। पिता हो तो पिता का, भाई हो तो भाई का धर्म निभाना सीख लो। मजहबो में फंस कर धर्म से मत भटको। धर्म वो नहीं है जो संसार ने चला रखें हैं। धर्म वो है जो धारण किया जा सके। जीवन में आप जिस भूमिका में है उसे पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से निभाना ही धर्म है। कहा कि बनी बनाई में तो सभी मित्र हैं। मुसीबत के समय भी जो आपको ना छोड़े वो ही असल मित्र है। अब अपने आप को वर्तमान समय में इस उक्ति पर तोलो। मनन करो कि कोरोना काल की विकट घड़ी में क्या आपने धैर्य खोया या नही। विचार करो कि क्या इस बुरे दौर में भी आपने अपने मानव धर्म को त्यागा या नहीं। किस मित्र ने इस विकट दौर में आपका साथ निभाया और क्या आपकी स्त्री ने इस विकट दौर में कितना संबल प्रदान किया।इसलिए ईश्वरीय स्मृति में रहते हुए अपने कर्तव्य का पालन करें।
इस आध्यात्मिक सत्संग का शुभारंभ आयोजक राम बहोरन दीप प्रज्ज्वलित कर, सामूहिक ईश प्रार्थना से किया।
इस अवसर पर बबलू,लालाराम,बसंत लाल,राम किशोर, लकी, आशाराम, हरिश्चन्द्र,राहुल सहित अनेक सत्संगी बंधु बहिनें मौजूद रहीं।सभी ने समापन पर रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में उठकर प्रकाश स्वरूप परमेश्वर का ध्यान लगाने का शिव संकल्प लिया।