इटावा,महिला दिवस पर विशेष शिक्षिका आशा छात्राओं को सिखा रहीं आत्मरक्षा का हुनर
डॉ निधि ने राजकीय इंटर कॉलेज की प्रथम महिला शिक्षिका के रूप बखूबी निभाई जिम्मेदारी
इटावा,7 मार्च 2022।
देश की बेटियां हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर देश-विदेश में भारत का नाम गौरवान्वित कर रही है। उचित शिक्षा, प्रशिक्षण,मार्गदर्शन छात्राओं को मिले तो उनकी प्रतिभाओं को और निखारा जा सकता है। जनपद के आर्य कन्या इंटर कॉलेज की शिक्षिका आशा वशिष्ठ व राजकीय इंटर कॉलेज कि डॉ निधि चतुर्वेदी ने अपनी विशिष्ट कार्यशैली से यह परिभाषित किया है, यह कहना है जिला विद्यालय निरीक्षक राजू राणा का। उन्होंने कहा कि विद्यालय स्तर पर छात्राओं को मिशन शक्ति के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के तहत स्वास्थ्य, सुरक्षा,शिक्षा के प्रति निरंतर जागरूक भी किया जा रहा है।
आर्य कन्या इंटर कॉलेज की शारीरिक शिक्षिका आशा वशिष्ठ 2010 से शिक्षण कार्य में सलंग्न है। आशा वशिष्ठ ने बताया कि मैं मूल रूप से मथुरा की रहने वाली हूं और बचपन से ही खेलकूद के प्रति मेरा विशेष लगाव रहा और मैंने राज्य स्तरीय हैंडबॉल, बास्केटबॉल टीम का भी प्रतिनिधित्व किया एक स्पोर्ट्स पर्सन होने के कारण मुझ में शुरू से ही आत्मविश्वास रहा। जब मैंने शारीरिक शिक्षिका के रूप में काम करना शुरू किया तो मन बना लिया था की बच्चियों को शिक्षा के साथ शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त बनाना है। आशा वशिष्ठ ने बताया कि विद्यालय की छात्राओं का उनके साथ एक आत्मीय संबंध है इसलिए बच्चियां उनके पास आकर बेझिझक अपने मन की बात कहती हैं। शिक्षिका आशा ने कहा की वर्तमान समय के अनुसार प्रत्येक छात्रा को अपनी आत्मरक्षा का हुनर आना आवश्यक है।इसीलिए मैं अपने विद्यालय की छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण, जूडो, सूर्य नमस्कार,योगा जैसी गतिविधियों से अवगत कराती हूं। व्यक्तिगत रूप से उनको आत्मरक्षा का हुनर भी सिखाती हूं। बच्चियां जब इन गतिविधियों में सहभागिता करती है तो वह खेल के साथ शिक्षा में भी बेहतर प्रदर्शन कर पाती हैं। जिससे छात्राओं का उचित शारीरिक व मानसिक विकास होता है उनका प्रदर्शन दिन पर दिन बेहतर होता है। आशा ने बताया कि बच्चों को आत्मरक्षा के हुनर सिखाने के साथ मिशन शक्ति के तहत चलाई जाने बाली हेल्पलाइन 1090 181,1076,112 जैसे जनोपयोगी नंबरों के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान करती हूं।
जनपद के राजकीय इंटर कॉलेज की जीवविज्ञान शिक्षिका डॉ निधि 2010 से शिक्षण कार्य कर रही है। उनका मानना है कि उत्तम स्वास्थ्य व शिक्षा जीवन को श्रेष्ठतम बनाती है। डॉ निधि ने बताया कि कोरोना काल में स्वस्थ जीवन शैली के महत्व को हम सब ने समझा और विद्यालय के बच्चों को स्वास्थ्य व सफाई के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देना आवश्यक है इसलिए मैं निरंतर प्रयासरत रहती हूं बच्चों को उनके स्वास्थ्य व साफ-सफाई के अतिरिक्त अच्छी भोज्य आदतों के प्रति जागरूक बनाया जाए। डॉ निधि ने बताया 2010 से राजकीय इंटर कॉलेज की प्रथम महिला शिक्षिका के रूप में जब काम करना शुरू किया तब सहयोगी शिक्षकों द्वारा उन्हें भरपूर साथ मिला व वर्तमान में अभी विद्यालय में 9 महिलाएं शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में राजकीय इंटर कॉलेज में केवल पहले बालकों को ही शिक्षा प्रदान की जा रही थी लेकिन गत वर्षों से विद्यालय में बालिकाओं का प्रवेश भी लिया जाने लगा और वर्तमान समय में विद्यालय में 94 छात्राएं पढ़ रही है। उन्होंने बताया कि विद्यालय में छात्र-छात्राओं के साथ समन्वय स्थापित कर स्वस्थ जीवन शैली के संदर्भ विस्तार पूर्वक जानकारी देना, साथ ही बच्चों के अंदर वैज्ञानिक मनोवृति व तर्कसंगत सोच को विकसित करने पर मैं विशेष बल देती हूं। डॉ निधि बताती है विद्यालय में पढ़ने वाले पियर ग्रुप के बच्चे कभी-कभी गंदी आदतों (नशा, धूम्रपान)का भी शिकार होते हैं तब उनसे प्रेम पूर्वक और बड़े धैर्य के साथ बात करते हैं और उनको उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। डॉ निधि ने बताया कि विद्यालय के कुछ बच्चे इन गंदी आदतों के जब शिकार हुए तो उन्होंने बच्चों से सफल संवाद स्थापित कर उन्हें स्वस्थ जीवन शैली के मापदंडों को समझाया और बच्चों में सकारात्मक परिणाम आने लगे।