मछरेहटा,टूटे फूटे रास्ते और कूड़े के ढेर से पटा पड़ा परिक्रमा मार्ग
मछरेहटा सीतापुर,अट्ठासी हजार मुनियों की पावन तपोभूमि और बावन शक्तिपीठों मे से एक मां ललिता का जहां निवास है ऐसे तीर्थ नैमिषारण्य से प्रारंभ होने वाली चौरासी कोसी परिक्रमा के महज सात दिन शेष बचे हैं लेकिन चुनावी ड्यूटी के चलते पूरा प्रशासन इस बात से बेखबर लगता है कि पूरे भारत से आने वाले लाखों की संख्या मे यात्री इन्ही टूटे फूटे रास्तों और कूड़े के ढेर से गुजरने के लिए मजबूर होंगे । परिक्रमा के सातवें पड़ाव मडेरुवा मे गंदगी का अंबार लगा है । मार्ग के आसपास लगे सरकारी नल भी चालू हालत मे नही है । चारों ओर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है । बड़ा हनुमान मंदिर मछरेहटा के महंत प्रीतमदास और महंत वेददास ने बताया इतने कम समय मे व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करना प्रशासन के लिए संभव नही लगता । बताते चले कि नैमिषारण्य से प्रारंभ होकर महर्षि दधीचि की तपस्थली मिश्रिख मे इस परिक्रमा का समापन होता है । व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन की उदासीनता से क्षेत्र के लोग और साधु-संत नाराज दिखाई देते है । संत महंत समुदाय ने प्रशासन को आगाह किया है कि यथासंभव सारी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किया जाए ।